| सपनाहरु अधुरा हूँदैछन्,बिस्तारै बिस्तारै |
| मन भरी कुरा हूँदैछन्, बिस्तारै बिस्तारै |
| उनिहरुका कोही नि,छैनन् रे यो धर्तिमा |
| सायद टुहुरा हूँदैछन्, बिस्तारै बिस्तारै |
| हिजो सम्म नितान्त, नौनी नरम देख्थें |
| अचानक छुरा हूँदैछन्, बिस्तारै बिस्तारै |
| संघर्षका पाइलाहरु,नचालेको पनि होइन |
| गन्तब्य अपूरा हूँदैछन्,बिस्तारै बिस्तारै |
| मौन बस्न रुचाउने उनि, चुप पनि बसेकै हो |
| आज साँच्चै सुरा हूँदैछन्, बिस्तारै बिस्तारै |